सींग सिलिका खाद (बी.डी.501)

नील हरित शैवाल जनित जैव उर्वरक

हरित क्रान्ति के उपरान्त करीब विगत चार दशकों से अधिक अन्न उपजाने के लिए अन्धा-धुंध कृषि रसायनों तथा रासायनिक खादों के प्रयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति दिन प्रतिदिन घटती जा रही है तथा मृदा प्रदुषण बढ़ता चला जा रहा है और भूमि के स्वास्थ को अच्छा रखने वाले सुक्ष्म जीवों की संख्या घटती जा रही है। अतएव अब धान की पैदावार प्रति हे.

सिलिका युक्त सींग की खाद (बी.डी 501)

सिलिका पाउडर आटे की लोईनुमा बनाकर गाय की सींग में भर दें। छः माह बाद गोबर की सींग खाद के समान ही उसे निकाल कर जल में घोल लें। इसका भंडारण सदा शीशे के पात्र में करना चाहिए। इस प्रकार से निर्मित सिलिका खाद फंफूदनाशक के रूप में प्रभावी तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।