किट नियंत्रण हेतु आप सभी के लिए कुछ अन्य सरल उपाय।

मिलिबग

बोगनबेल के पत्ते, अरडूसी के पत्ते, नीम के पत्ते, तंबाकू का पाउडर , नागफनी के टुकड़े - इन सभी वनस्पति को 1 - 1 किलो के प्रमाण में लेकर इनके छोटे छोटे टुकड़े करें। इन्हे 10 लीटर पानी में लेकर उबालें। जब ये ठंडा हो जाएँ तब 150 मिली घोल + 2 चमची डिटरजंट पाउडर / 15 लीटर पानी के हिसाब से 5 दिन के अंतर पर दो बार छिड़के।

10 लीटर पानीमें 50 से 75 मिली नींबू का रस मिलाकर छिड़काव करें। खट्टापन किट की शारीरिक क्रिया में अवरोधक होता है।

मिलिबग का प्रकोप दिखे तो 10 लीटर पानीमें 100 ग्राम नींबूका रस + 10 ग्राम खानेका चूना + 250 ग्राम गुड का घोल बनाकर छिड़काव करें।

भूरा माहु

एक एकड़ में 10 किलोसनई को चक्कीमें पिसाकर आटे को खेतमें फसल पर छिड़काव करें।

1 किलो तंबाकू और कपड़े धोने के साबुन को 7 से 8 लीटर पानीमें उबाले। घोल को उबालने के बाद कपड़े से छान ले और खेतमें छिड़के।

फसलमें रात को मशाल लेके घूमने से फूंदक व किट आग से आकर्षित होकर नष्ट होते है।

एक एकड़ जमीन में 35 किलो नीम खाद और 18 किलो तंबाकू का पाउडर छिड़के।

पत्ते खानेवाली इल्ली

खेत में बाजरे की रोटी के टुकड़े आदि खेत मे फैला दें। इनको खाने पक्षी आएंगे जो इल्ली भी खा जाएँगे।

नीमके 10 किलो पत्ते और सीताफली के 10 किलो पत्ते को 100 लीटर पानीकी टंकी में पाँच दिन तक रख दे। छठे दिन पानी को हिलाकर के कपड़े से छान लें। सड़ा हुवा ये पानी एक पंप में (15 लीटर) डेढ़ लीटर डालकर 10 दिन के अंतर पर 2 - 3 बार छिड़काव करें।

इल्ली के नियंत्रण हेतु 15 लीटर पानीमें 300 मिली नागफनी का दूध मिश्रित करके छिड़काव करें।

इल्ली नियंत्रण हेतु खट्टी इमली के एक किलो पत्ते और महुड़ी के दो किलो छिलके लेकर दोनों मिश्रित करके दोनों की बारीक फाँकी बनाएँ। इस मिश्रण को 15 लीटर पानीमें मिलाकर 8 से 10 दिन के अंतर पे छिड़के।