पौध संरक्षण

इल्ली ,रस चूसक कीड़े का नियंत्रण

इल्ली ,रस चूसक कीड़े को नियंत्रण करने के ( जैविक ओरगेनिक ) दवा बनाने तथा प्रयोग करने का तरीका

1. देशी गाय का मठा 5 लीटर लेकर उसमे २- 3 किलो नीम की पत्ती या 40-50 किलो नीम की खली या 2 किलो माइक्रो नीम ओरगेनिक खाद एक बड़े मटके में भरकर १० -१५ दिन तक सडाएं , सड़ने के बाद उस मिश्रण में से 5 लीटर मात्रा को 150 -200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति सप्ताह छिडकाव करें . इससे इल्ली , रस चूसक कीड़े नियंत्रित होंगे .

2. 500 ग्राम लहसुन , 500 ग्राम तीखी चटपटी हरी मिर्च लेकर बारीक पीसकर 150-200 लीटर पानी में घोलकर फसलों पर छिडकाव करें . इससे इल्ली , रस चूसक कीड़े नियंत्रित होंगे .

Caterpillar

दीमक प्रबंधन के उपाय

किसान फसलें उगाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं लेकिन तमाम तरह के कीट , फसलों को चट कर जाते हैं। वैज्ञानिक विधि अपनाकर कीटनाशकों के बिना ही इनका नियंत्रण किया जा सकता है। इससे कीटनाशकों पर उनका खर्चघटेगा। खेत की मिट्टी से ज्यादा पैदावार पाने के लिए किसानों को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। फसलें उगाने में उन्हें काफी पैसे भी खर्च करना पड़ता है। लेकिन मिटट्ी में पनपने वाले कीड़े-मकोड़े जैसे दीमक आदि फसलों को चट कर जाते हैं। इन कीटों से फसलों को सुरक्षित रखने के लिए भी कीटनाशकों पर किसानों को काफी खर्च करना पड़ता है। फसलें और कीट नियंत्रण के लिए वैज्ञनिक विधि अपनाकर किसान कीट नियंत्रण ज्यादा प्रभावी

 TERMITE

एकीकृत कीट प्रबंधन (आईपीएम)

एकीकृत कीट प्रबंधन (आईपीएम) एक पर्यावरण अनुकूल पहल है। इसका उद्देश्य लाक्षणिक, मशीनी और जैवकीय जैसी सभी उपलब्ध वैकल्पिक कीट नियंत्रण प्रक्रियाओं और प्रौद्योगिकीयों का इस्तेमाल करके कीटों की संख्या को एक आर्थिक सीमा के नीचे तक कम रखना और नीम से बनी दवाओं जैसे जैवकीय कीटनाशकों और पादप आधारित कीटनाशकों के इस्तेमाल पर जोर देना है। एक अंतिम उपाय के रूप में रासायनिक कीटनाशकों के इस्तेमाल के लिए सलाह दी जाती है, जब फसल में कीटों की संख्या एक आर्थिक सीमा रेखा के स्तर को पार कर जाती है।

एकीकृत कीट प्रबंधन पर राष्ट्रीय नीति

IPM

ट्राईकोकार्ड

ट्राईकोग्रामा नामक परजीवी मित्र कीट की मादा, हानिकारक कीट के अंडों के ऊपर अंडे देती है जिससे हानिकारक कीट के अंडों पर परजीवी मित्र कीट लार्वा नही बनने देता | एक दिन में यह अनुमानत: 100 अंडे चट कर जाती है

Tricho Card, Trichogarma

HaNPV

हैलियोथिस एम.पी.वी.

यह हरी सुंडी हैलियोथिस आर्मोजोरा एक हानिकारक रोग उत्पन्न करने वाला न्यूक्लियर पाॅलीहेडासिस विषाणु है, जो अति संक्रमणशील होता है। यह डी.एन.ए. से बना होता है-एन.वी.पी. कपास, चना, अरहर, मटर, सोयाबीन, मूंगफली, सूर्यमुखी, सब्जियों, टमाटर व अन्य महत्वपूर्ण फसलों में लगने वाले हैलियोथिस की संूडियों का अत्यन्त प्रभावशाली ढ़ंग से नियंत्रण करता है। यह रासायानिक दवाइयों के प्रति रियोथिस रोग प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न कर चुकी है। हैलियोथिस की सूंडियों का भी नाश करता है।

नियंत्रण विधि

फसल बचाने के लिए ‘लाइट ट्रेप’

छत्तीसगढ़ में फसलों को कीड़ों से बचाने के लिए ‘प्रकाश प्रपंच’ यानी लाइट ट्रेप तकनीक का इस्तेमाल उपयोगी साबित हो रहा है.छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में किसान इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. कृषि वैज्ञानिकों ने इस तकनीक का उपयोग कर फसलों के लिए हानिकारक कीड़ों पर नियंत्रण के लिए सभी किसानों को इसका उपयोग करने की सलाह दी है. छत्तीसगढ़ के कृषि वैज्ञानिकों ने बदली और उमस भरे इस मौसम में फसलों की लगातार निगरानी करने की सलाह भी किसानों को दी है. उन्होंने कहा कि इस मौसम में कीट प्रकोप होने की आशंका रहती है.

Light Trap

कीट के प्रकार

कृषि में कीटों को दो भागों में वर्गीकृत किया गया है|

१- मित्र कीट २-शत्रु कीट 

मित्र कीट अधिकांशतः मांसाहारी होते हैं, ये परजीवी कीट होते हैं जो किसी दुसरे कीट पर आश्रित रहते हैं. ये हमारे शत्रु कीटों को को नष्ट करने में सहायक होते हैं. इन्हें हम मित्र कीट कहते हैं|

शत्रु कीट वो होते हैं जो अधिकांशतः शाकाहारी होते हैं, ये कीट हमारी फसलों पर आश्रित होते हैं तथा ये फसल के विभिन्न भागों को अपना भोजन बनाते हैं और हमारी फसलों को भारी नुकसान भी पहुंचाते हैं.

 

तशपर्णी अर्क

तशपर्णी अर्क (सभी तरह के रस चूसक कीट और सभी इल्लियों के नियंत्रण के लिए)

सामग्री :- 1. 200 लीटर पानी 2. 2 किलोग्राम करंज के पत्ती 3. 2 किलोग्राम सीताफल पत्ते 4. 2 किलोग्राम धतूरा के पत्ते 5. 2 किलोग्राम तुलसी के पत्ते 6. 2 किलोग्राम पपीता के पत्ती 7. 2 किलोग्राम गेंदा के पत्ते 8. 2 किलोग्राम गाय का गोबर 9. 500 ग्राम तीखी हरी मिर्च 10. 200 ग्राम अदरक या सोंठ 11. 5 किलोग्राम नीम के पत्ती 12. 2 किलोग्राम बेल के पत्ते 13. 2 किलोग्राम कनेर के पत्ती 14. 10 लीटर गोमूत्र 15. 500 ग्राम तम्बाकू पीस के या काटकर 16. 500 ग्राम लहसुन 17. 500 ग्राम हल्दी पीसी

किट नियंत्रण हेतु आप सभी के लिए कुछ अन्य सरल उपाय।

मिलिबग

बोगनबेल के पत्ते, अरडूसी के पत्ते, नीम के पत्ते, तंबाकू का पाउडर , नागफनी के टुकड़े - इन सभी वनस्पति को 1 - 1 किलो के प्रमाण में लेकर इनके छोटे छोटे टुकड़े करें। इन्हे 10 लीटर पानी में लेकर उबालें। जब ये ठंडा हो जाएँ तब 150 मिली घोल + 2 चमची डिटरजंट पाउडर / 15 लीटर पानी के हिसाब से 5 दिन के अंतर पर दो बार छिड़के।

10 लीटर पानीमें 50 से 75 मिली नींबू का रस मिलाकर छिड़काव करें। खट्टापन किट की शारीरिक क्रिया में अवरोधक होता है।

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