नीमास्त्र

(रस चूसने वाले कीट एवं छोटी सुंडी इल्लियां के नियंत्रण हेतु) सामग्री :-

1. 5 किलोग्राम नीम या टहनियां
2. 5 किलोग्राम नीम फल/नीम खरी
3. 5 लीटर गोमूत्र
4. 1 किलोग्राम गाय का गोबर

बनाने की विधि

सर्वप्रथम प्लास्टिक के बर्तन पर 5 किलोग्राम नीम की पत्तियों की चटनी, और 5 किलोग्राम नीम के फल पीस व कूट कर डालें एवं 5 लीटर गोमूत्र व 1 किलोग्राम गाय का गोबर डालें इन सभी सामग्री को डंडे से चलाकर जालीदार कपड़े से ढक दें। यह 48 घंटे में तैयार हो जाएगा। 48 घंटे में चार बार डंडे से चलाएं।

गोपाल जैविक खेती केन्द्र ‪फार्म अपडेट

#‎GopalJaivikKheti‬

* हाथ के विडर से खरपतवार नियंत्रण
* रसायन मुक्त लहसुन
* लहसुन की कटाई
* गाजर का फूल बीज के तैयार हो रहा है

(जैविक खेती मॉडल फार्म 4)
गोपाल जैविक खेती केन्द्र 
#‎GopalJaivikKheti‬


अर्जुन पाटीदार s/o कालूराम पाटीदार 
ग्राम -गुराडिया प्रताप 
तहसील -सुवासरा 
जिला -मन्दसौर 
मध्य प्रदेश 
पिनकोड 458888
खेत का नाम -गोपाल जैविक खेती केन्द्र 
दुरभाष -09424042800

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कृषि में गोमूत्र और गोबर का महत्व

Cow Dung

भारत में और भारत के अतिरिक्त अन्य देशों में गाय का महत्व मुख्य रूप से दूध और दूध से बने अन्य व्यंजनों के लिए किया जाता है। किन्तु, गाय के मूत्र और गोबर का महत्व कुछ कम नहीं है। हम सभी कृषि में खाद के उपयोग और महत्व को भली-भांति परिचित हैं। अच्छी फसल के लिए केंचुए की खाद, सड़ी-गली पत्तियों की खाद, रासायनिक खाद आदि इस्तेमाल किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त गोमूत्र और गोबर उत्तम उर्वरक के रूप में प्रयोग किए जाते हैं।

जैविक खेती के लाभ

Organic Farming, Farming, Indian Farming, Non-Chemical

स्वस्थ भोजन :- 

यु.एस.ए. में जैविक और पारंपरिक खाने के पौष्टिक तत्त्व पर एक अध्यन के अनुसार, पूर्व ज्यादा स्वस्थ जनक है! सेब, नाशपती,आलू, मक्का, गेहू, और शिशु के खाने का विश्लेषण किया गया जिससे बेकार तत्त्व जैसे ऐल्यमिनीअम, कैड्मीअम,  लेड, और मर्क्यरी, और अच्छे तत्त्व जैसे बोरॉन, कैल्सियम, आयरन  और ज़िंक का पता लगाया गया. जैविक खाने मे २०% प्रतिशत कम बेकार तत्त्व और लगभग १००% प्रतिशत ज्यादा अच्छे तत्त्व होते है!

मिट्टी की गुणवत्ता मे सुधार:-

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