कीट आर्कषित फसलों या रक्षक फसलों को लगाने का तरीका:-
Submitted by Ashok Kumar on 16 November 2015 - 1:04pm
- गोभी में हीरक पृष्ठ शलभ के रोकथाम के लिये बोल्ड सरसों को गोभी के प्रत्येक 25 कतारों के बाद 2 कतारों में लगाना।
- कपास की इल्ली/छेदक के रोकथाम के लिये लोबिया को कपास के प्रत्येक 5 कतारों के बाद 1 कतारों में लगाना।
- कपास की इल्ली/छेदक के रोकथाम के लिये तंबाकू को कपास के प्रत्येक 20 कतारों के बाद 2 कतारों में लगाना।
- टमाटर में फल छेदक/निमेटोड के रोकथाम के लिये अफ्रीकन गेंदे को टमाटर के प्रत्येक 14 कतारों के बाद 2 कतारों में लगाना।
- बैगन में तना व फल छेदक के रोकथाम के लिये धनिया/मेथी को बैगन के प्रत्येक 2 कतारों के बाद 1 कतारों में लगाना ।
- चने में इल्ली के रोकथाम के लिये धनिया/गेंदा को चना के प्रत्येक 4 कतारों के बाद 1 कतारों में लगाना।
- अरहर में चने की इल्ली के रोकथाम के लिये गेंदा को अरहर के चारों तरफ बार्डर में लगाना।
- मक्का में तना छेदक के रोकथाम के लिये नेपियर/सुडान घांस को मक्का के चारो तरफ बार्डर में लगाना।
- सोयाबीन में तंबाकू की इल्ली के रोकथाम के लिये सूरजमुखी या अरंडी को सोयाबीन के चारों तरफ 1 कतार में लगाना।
रक्षक फसलों की सफलता के कुछ महत्व पूर्ण उपाय:-
- सर्वप्रथम एक फार्म प्लान बनाना चाहिये, जो यह दर्शाये कि कब व कहाॅं रक्षक फसलों को उगायें।
- फसलों को हानि पहुॅचाने वाले कीटों की पहचान व जानकारी होना आवश्यक है।
- रक्षक फसलों के रूप में ऐसे फसल का चुनाव करें जो कीटों को आधिक आर्कषित करके मुख्य फसलों की रक्षा करे इसके लिये कृषि वैज्ञानिकों से सलाह लेना चाहिये।
- फसलों की नियमित रूप से देख रेख करना चाहिये।
- रक्षक फसलों पर यदि कीट अधिक आर्कषित होते है एवं इनकी संख्या बहुत अधिक हो जाती है या मुख्य फसल में कीट प्रकोप बढने की संभावनायें बढ जाती है तो रक्षक फसलों को समय समय पर काॅंट छाॅंट करते रहना चाहिये यदि आवश्यक हो तो कीटनाशी का भी छिडकाव करना चाहिये या इन्हे उखाडने नष्ट करने के लिये भी तैयार रहना चाहिये ताकि समय पर रोकथाम की जा सके।
Plant Protection: