जैविक नियंत्रण विधि के लाभ
इस विधि से परिस्थिति की एवं पर्यावरण की सुरक्षा होती है।
कीटनाशक एवं विषैले रसायनों से जल, वायु एवं भूमि की रक्षा होती है, साथ ही मनुष्य में होने वाले दुष्प्रभावों को कम करती है।
कीटों की प्रतिरोधिता एवं प्रजनन-क्षमता को कम करती है।
लाभदायक कीटों एवं मित्र कीटों को सुरक्षा प्रदान करती है।
विषरहित खाद्य पदार्थ उत्पादन प्राप्त होता है।
उत्पादन लागत में कमी होती है।
निर्यात में वृद्धि करने में सहायक।
कृषकों द्वारा ग्रामीण परिस्थिति में सुगमता से अपनाई जा सकती है।
कीटनाशकों से बढ़ती दुर्घटनाओं एवं स्वास्थ्य समस्याओं पर रोक लगती है।
कृषकों में मित्र कीटों के प्रति जागरूकता बढ़ाते हैं।
कृषकों को कृषि के लिए सही निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करता है।