गाजर की उन्नत क़िस्में
Submitted by swadeshikheti on 9 January 2017 - 12:00am
गाजर की बहुत सी देशी तथा विदेशी किस्मे है जिनमे से कुछ प्रमुख किस्मे निम्नलिखित है।
पूसा केसर
पूसा केसर लाल रंग की होती हे जो गाजर की उत्तम प्रजाति है। इसकी पत्तियाँ छोटी तथा जड़ें लम्बी, आकर्षक लाल रंग की होती है। इसका केन्द्रीय भाग संकरा होता है। इसकी फ़सल लग-भग 90-110 दिन में तैयार हो जाती है। पूसा केसर की पैदावार300-350 क्विंटल प्रति हेक्टेअर तक होती है।
पूसा मेघाली
यह नारंगी गूदे, छोटी टॉप तथा कैरोटीन की अधिक मात्रा वाली संकर प्रजाति है। इसकी फ़सल बुवाई से 100-110 दिन में तैयार हो जाती है।
पैदावार 250-300 क्विंटल प्रति हेक्टेअर होती है.
यह नारंगी गूदे, छोटी टॉप तथा कैरोटीन की अधिक मात्रा वाली संकर प्रजाति है। इसकी फ़सल बुवाई से 100-110 दिन में तैयार हो जाती है।
पैदावार 250-300 क्विंटल प्रति हेक्टेअर होती है.
पूसा यमदाग्नि
यह प्रजाति आई० ए० आर० आई० के क्षेत्रीय केन्द्र कटराइन द्धारा विकसित की गयी है। इसकी फसल 90-105 दिन मे तैयार हो जाती है।
इसकी पैदावार 150-200 क्विंटल प्रति हेक्टेअर होती है.
इसकी पैदावार 150-200 क्विंटल प्रति हेक्टेअर होती है.
नैन्टस
इस क़िस्म की जडें बेलनाकार तथा नांरगी रंग की होती है। जड़ के अन्दर का केन्द्रीय भाग मुलायम, मीठा होता है। इसकी फसल 110-112 दिन में तैयार हो जाती है।
इसकी पैदावार 100-125 क्विंटल प्रति हेक्टेअर तक होती है।
इसकी पैदावार 100-125 क्विंटल प्रति हेक्टेअर तक होती है।