वर्मी वाश

वर्मीवाश एक तरल जैविक खाद

वर्मीवाश

बनाने की प्रक्रिया:- वर्मीवाश इकाई बड़े बैरल/ड्रम, बड़ी बाल्टी या मिट्टी के घड़े का प्रयोग करके स्थापित की जा सकती है। प्लास्टिक, लोहे या सीमेन्ट के बैरल प्रयोग किये जा सकते हैं जिसका एक सिरा बन्द हो और एक सिरा खुला हो। सीमेंट का बड़ा पाईप भी प्रयोग किया जा सकता है। इस पाईप को एक ऊंचे आधार पर खड़ा रखकर नीचे की तरफ से बंद करें। नीचे की तरफ आधार के पास साईड में छेद (1 इंच चौड़ा) करें। इस छेद में टी पाईप डालकर वाशर की मदद से सील करें। अंदर की ओर आधा इंच पाईप रखें तथा बाहर इतना कि नीचे बर्तन आसानी से रखा जा सके। बाहर टी पाईप के छेद में नल फिट करें तथा दूसरे छेद में नट लगायें जो

वर्मीवाश : एक तरल जैविक खाद

ताजा वर्मीकम्पोस्ट व केंचुए के शरीर को धोकर जो पदार्थ तैयार होता है उसे वर्मीवाश कहते हैं। यह भिन्न-भिन्न स्थानों पर विभिन्न संस्थाओं/व्यक्तियों द्वारा अलग-अलग विधियां अपनायी जाती हैं, मगर सबका मूल सिद्धान्त लगभग एक ही है। विभिन्न विधियों से तैयार वर्मीवाश में तत्वों की मात्रा व वर्मीवाश की सांद्रता में अन्तर हो सकता है।

बनाने की प्रक्रिया:-

वर्मी वाश

वर्मी वाश कैसे बनाएं:

जिस तरह केंचुओं का मल (विष्ठा) खाद के रूप में उपयोगी है, उसी तरह इसका मूत्र भी तरल खाद के रूप में बहुत असरकारक होता है। केंचुओं के मूत्र को इकट्ठा करने की एक विशेष पद्धति होती है जिसे वर्मी वाश पद्धति कहते हैं। वर्मी वाश बनाने के लिए 40 लीटर की प्लास्टिक की बाल्टी अथवा केन लेकर उसे निम्न प्रकार से भरा जाता है। बाल्टी में नीचे एक छोटा छेद करते हैं जिससे वर्मी वाश एकत्र किया जाता है।