गाय की सींग की खाद
गाय की सींग गाय का रक्षा कवच है। गाय को इसके द्वारा सीधे तौर पर प्राकृतिक ऊर्जा मिलती है। यह एक प्रकार से गाय को ईश्वर द्वारा प्रदत्त एंटीना उपकरण है। गाय की मृत्यु के 45 साल बाद तक भी यह सुरक्षित बनी रहती है। गाय की मृत्यु के बाद उसकी सींग का उपयोग श्रेठ गुणवत्ता की खाद बनाने के लिए प्राचीन समय से होता आ रहा है। सींग खाद भूमि की उर्वरता ब़ाते हुए मृदा उत्प्रेरक का काम करती है जिससे पैदावार बढ जाती है।
निर्माण सामग्री:
गाय की सींग, गोबर, बाल्टी
निर्माण विधि
सींग को साफकर उसमें ताजे गोबर को अच्छी तरह से भर लें। सितंबरअक्तूबर महीने में जब सूर्य दक्षिणायन पक्ष में हों, तब इस गोबर भरी सींग को एक से डेढ़ फिट गहरे गड्ढे में नुकीला सिरा ऊपर रखते हुए लगा देते हैं। इस सींग को गड्ढे से छः माह बाद मार्चअप्रैल में चंद्र दक्षिणायन पक्ष में भूमि से निकाल लेते हैं। इस खाद से मीठी महक आती है जो इसके अच्छी प्रकार से तैयार हो जाने का प्रमाण है। इस प्रकार एक सींग से तीनचार एकड़ खेत के लिए खाद तैयार हो सकती है।
प्रयोग कराने का तरीका :
इस खाद को प्रयोग करने के लिए 25 ग्राम सींग खाद को तेरह लीटर स्वच्छ जल में घोल लेते हैं। घोलने के समय कम से कम एक घंटे तक इसे लकड़ी की सहायता से हिलाते -मिलाते रहना चाहिए।
प्रयोग विधि
सींग खाद से बने घोल का प्रयोग बीज की बुआई अथवा रोपाई से पहले सायंकाल छिड़काव विधि से करना चाहिए।