बीज अंकुरण
अच्छी देसी तथा उन्नत किस्म का चुनाव करने के बाद भी बोने से पहले दो काम ज़रूर करने चाहियें. एक तो बोने से पहले ही अंकुरण कर के पड़ताल कर के देख लें कि बीज अच्छा है या नहीं. अच्छा बीज होने पर भी बीज-उपचार कर के ही बुआई करें.
अंकुरण जाँच: यह वैसे ही करना है जैसे घरों में दाल आदि को अंकुरित किया जाता है. बीज को कुछ घंटे पानी में भिगो कर रख दें.(यह अवधि मौसम और बीज के स्वरूप अनुसार बदलती है. चने को गर्मी के मौसम में 7-8 घंटे भिगोने की ज़रूरत है. सर्दी के मौसम में ज़्यादा समय लगेगा. पतली परत वाले बीजों में कम समय लगेगा.) फिर उन दानों को मोटे सूती कपड़े में लपेट कर और गीला कर के अंधेरी परन्तु हवादार जगह में रख दें. नमी बनाये रखें. अंकुरण होने पर गिन कर देख लें कि अंकुरण का प्रतिशत कितना है. कम से कम 70-90% अंकुरण होना चाहिये वरना बीज बदल लें. अगर बीज बदलना सम्भव न हो तो उसी अनुपात में बीज की मात्रा बढ़ा लें.
अंकुरण जाँच का एक और आसान तरीका यह है कि अख़बार के पन्ने की चार तह बना लें और इसे पानी में भीगो दें. बग़ैर चुने, बीज की बोरी में से आँख मीच कर 50-100 दाने निकाल कर भिगो लें और खुले खुले अख़्बार पर डाल दें और अख़बार को लपेट लें. फिर दोनों कोनों को धागे से हल्के से बंद कर दें. ज़्यादा न दबाएँ. इस पुड़िया को फिर पानी में भिगो लें. फ़ालतू पानी निकल जाने पर इस पुड़िया को एक प्लास्टिक के लिफ़ाफ़े में डाल कर घर के अन्दर लटका दें. 3 -4 दिन बाद खोल कर अंकुरित दानों की संख्या गिन लें.
ज़ाहिर है, अंकुरण जाँच का यह काम आप को बीज बोने से 2-3 सप्ताह पहले कर लेना चाहिए ताकि अगर बीज बदलना हो तो समय रहते बीज बदला जा सके. अगर बीज अच्छा न निकले तो इस सबूत के साथ दुकानदार को बीज लौटाना भी आसान होगा.