सिंचाई जल की गुणवत्ता
सिंचाई जल की गुणता सामान्यतया उसमें उपस्थित साद (सिल्ट) एवं लवणों आदि तत्वों पर निर्भर करती है। सिंचाई के लिए उपयोग किए जाने वाले जल में प्रायः कुछ तत्व निश्चित मात्रा में घुले होत हैं जिनकों सामान्यतयाः लवण कहते हैं। मूल रूप से घुले हुए पदार्थों, लवणों खनिजों आदि की प्रकृति एवं गुणवत्ता, प्राप्त होने वाले जल के स्रोत पर निर्भर करती है। जल की गुणता उचित न होने पर कृषि उत्पादन पर उसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसलिए जल को उपयोग करने से पहले उसकी गुणता की जांच करना आवश्यक है, जिससे कृषि में भरपूर उत्पादन लिया जा सके।
सिंचाई जल, कृषि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है लेकिन यदि भूमि एवं जल प्रबंधन इसे सावधानीपूर्वक नहीं परखता तो कृषि के लिए यह अपूर्णीय क्षति का कारण बन सकता है। सिंचाई जल एवं मृदा में अकार्बनिक खनिज, लवणों की कुछ सांद्रता आवश्यक है, जो पौधों के लिए पोषक तत्वों के रूप में कार्य करती है। लेकिन इन तत्वों की मात्रा अत्यधिक हो जाने से फसल पर उसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसी प्रकार पानी का खारापन सिंचाई जल की एक बहुत बड़ी समस्या है। इसके द्वारा भूमि का खारा हो जाना एक धीमी प्रक्रिया है इसलिए इसका जानकारी पहले से होनी चाहिए अन्यथा इसकी अधिकता होने से भारी नुकसान पहुंचता है।