अन्तरवर्तीय फसल पद्धति से अधिक उत्पादन
Submitted by Ashok Kumar on 2 August 2015 - 1:30pmअन्तरवर्तीय फसल पद्धति से अधिक उत्पादन
अन्तरवर्तीय फसल पद्धति अधिक श्रेष्ठ, लाभदायक एवं उपयुक्त सिद्ध हुई है | इस पद्धति में मुख्य एवं अन्तरवर्तीय फसल का बीज कतारों में अलग – अलग बोया जाता है| इस पद्धति को अपनाने से डेढ गुना उत्पादन के साथ साथ अधिक आर्थिक लाभ प्राप्त करना संभव हो जाता है| इसके उपरांत कई लाभ प्रत्यक्ष रूप से प्राप्त होते है जैसे –
बीजोपचार एक महत्वपूर्ण क्रिया है
Submitted by Ashok Kumar on 1 August 2015 - 1:43pmबीजोपचार एक महत्वपूर्ण क्रिया है जो कि बीज व पौधे को मृदा व बीज जनित बिमारियों व कीटों द्वारा होने वाले नुकसान से बचाता हैं।
हालांकि भारत में बहुत से किसान या तो बीजोपचार के बारे जानते ही नहीं या फिर इसको अपनाते नहीं हैं बीजोपचार रोग कीट प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। किसानों द्वारा इस महत्वपूर्ण कार्य को अपनाने के लिए पूरे देश में प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है जिसमें कीट व रोग नाशक रसायनों, जैविक नियन्त्रण में शोध वृद्वि नियामकों एवं इनकी उपलब्धतता, सुनिश्चित करने की आवश्यकता है, जिससे किसान बीज व पौधे से संबंधित सामग्री को संरक्षित रख सके।
आदर्श हरी खाद
Submitted by Ashok Kumar on 1 August 2015 - 12:32pmआदर्श हरी खाद में निम्नलिखित गुण होने चाहिए
• उगाने का न्यूनतम खर्च
• न्यूनतम सिंचाई आवश्यकता
• कम से कम पादम संरक्षण
• कम समय में अधिक मात्रा में हरी खाद प्रदान कर सक
• विपरीत परिस्थितियों में भी उगने की क्षमता हो
• जो खरपतवारों को दबाते हुए जल्दी बढ़त प्राप्त करे
• जो उपलब्ध वातावरण का प्रयोग करते हुए अधिकतम उपज दे ।
हरी खाद बनाने के लिये अनुकूल फसले :