जैव उर्वरक
Submitted by Ashok Kumar on 6 July 2015 - 11:15amजैव उर्वरक जीवाणु खाद है। इसमें मौजूद लाभकारी सूक्ष्म जीवाणु वायु-मंडल में पहले से विद्यमान नाइट्रोजन फसल को उपलब्ध करवाते हैं और मिट्टी में मौजूद अघुलनशील फास्फोरस को पानी में घुलनशील बनाकर पौधों को देते हैं। वैज्ञानिक अनुसंधान से यह सिद्ध हुआ है कि जैविक खाद के उपयोग से 30 से 40 किलोग्राम नाइट्रोजन प्रति हेक्टेयर भूमि को मिलती है और उपज 10 से 20 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। इसी तरह फास्फो बेक्टीरिया और माइकोराईजा उर्वरक के उपयोग से खेत में फॉस्फोरस की उपलब्धता में 20 से 30 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होती है। रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग करने के बदले अगर जैविक खाद का उपयोग किया जाता है तो उत्पादकता में