कीटनाशी दवाएं
नीमास्त्र
(रस चूसने वाले कीट एवं छोटी सुंडी इल्लियां के नियंत्रण हेतु) सामग्री :-
1. 5 किलोग्राम नीम या टहनियां
2. 5 किलोग्राम नीम फल/नीम खरी
3. 5 लीटर गोमूत्र
4. 1 किलोग्राम गाय का गोबर
बनाने की विधि:- सर्वप्रथम प्लास्टिक के बर्तन पर 5 किलोग्राम नीम की पत्तियों की चटनी, और 5 किलोग्राम नीम के फल पीस व कूट कर डालें एवं 5 लीटर गोमूत्र व 1 किलोग्राम गाय का गोबर डालें इन सभी सामग्री को डंडे से चलाकर जालीदार कपड़े से ढक दें। यह 48 घंटे में तैयार हो जाएगा। 48 घंटे में चार बार डंडे से चलाएं।
अवधि प्रयोग :- नीमास्त्र का प्रयोग छः माह कर सकते है।
सावधानियां :-
1.छाये में रखे धूप से बचाएं।
2. गोमूत्र प्लास्टिक के बर्तन में ले या रखें।
छिड़काव :- 100 लीटर पानी में तैयार नीमास्त्र को छान कर मिलाएं और स्प्रे मशीन से छिड़काव करें।
ब्रम्हास्त्र
(अन्य कीट और बड़ी सूंडी इल्लियां)
सामग्री :-
1. 10 लीटर गोमूत्र
2. 3 किलोग्राम नीम की पत्ती की चटनी
3. 2 किलोग्राम करंज की पत्तों की चटनी
4. 2 किलोग्राम सीताफल पत्ते की चटनी
5. 2 किलोग्राम बेल के पत्ते
6. 2 किलोग्राम अंडी के पत्ते की चटनी
7. 2 किलोग्राम धतूरा के पत्ते की चटनी
बनाने की विधि :- इन सभी सामग्री में से कोई भी पांच सामग्री के मिश्रण को गोमूत्र में मिट्टी के बर्तन पर डाल कर आग में उबाले जैसे चार उबले आ जाए तो आग से उतारकर 48 घंटे छाए में ठंडा होने दें। इसके बाद कपड़े से छानकर भंडारण करे।
अवधि प्रयोग:- ब्रह्मास्त्र का प्रयोग छः माह तक कर सकते हैं।
सावधानियां :-
भंडारण मिट्टी के बर्तन में करें।
गोमूत्र धातु के बर्तन में न रखे।
छिड़काव :- एक एकड़ हेतु 100 लीटर पानी में 3 से 4 लीटर ब्रह्मास्त्र मिला कर छिड़काव करें।
अग्नी अस्त्र
(तना कीट फलों में होने वाली सूंडी एवं इल्लियों के लिए)
सामग्री :-
1. 20 लीटर गोमूत्र
2. 5 किलोग्राम नीम के पत्ते की चटनी
3. आधा किलोग्राम तम्बाकू का पाउडर
4. आधा किलोग्राम हरी तीखी मिर्च
5. 500 ग्राम देशी लहसुन की चटनी
बनाने की विधि :- उपयुक्त ऊपर लिखी हुई सामग्री को एक मिट्टी के बर्तन में डालें और आग से चार बार उबाल आने दें। फिर 48 घंटे छाए में रखें। 48 घंटे में चार बार डंडे से चलाएं।
अवधि प्रयोग :- अग्नी अस्त्र का प्रयोग केवल तीन माह तक प्रयोग कर सकते हैं।
सावधानियां :- मिट्टी के बर्तन पर ही सामग्री को उबल आने दे।
छिड़काव :- 5 ली. अन्गी अस्त्र को छानकर 200 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे मशीन या नीम के लेवचा से छिड़काव करें।
फंगीसाइड फफूंदनाशक दवा :-
100 लीटर पानी में 3 लीटर खट्टी छाछ (मट्ठा) का खूब अच्छी तरह मिलाकर फसल में छिड़काव करें।
तशपर्णी अर्क
(सभी तरह के रस चूसक कीट और सभी इल्लियों के नियंत्रण के लिए)
सामग्री :-
1. 200 लीटर पानी
2. 2 किलोग्राम करंज के पत्ती
3. 2 किलोग्राम सीताफल पत्ते
4. 2 किलोग्राम धतूरा के पत्ते
5. 2 किलोग्राम तुलसी के पत्ते
6. 2 किलोग्राम पपीता के पत्ती
7. 2 किलोग्राम गेंदा के पत्ते
8. 2 किलोग्राम गाय का गोबर
9. 500 ग्राम तीखी हरी मिर्च
10. 200 ग्राम अदरक या सोंठ
11. 5 किलोग्राम नीम के पत्ती
12. 2 किलोग्राम बेल के पत्ते
13. 2 किलोग्राम कनेर के पत्ती
14. 10 लीटर गोमूत्र
15. 500 ग्राम तम्बाकू पीस के या काटकर
16. 500 ग्राम लहसुन
17. 500 ग्राम हल्दी पीसी
बनाने की विधि :- सर्वप्रथम एक प्लास्टिक के ड्रम में 200 ली. पानी डाले फिर नीम, करंज, सीताफल, धतूरा, बेल, तुलसी, आम, पपीता, कंजरे, गेंदा की पत्ती की चटनी डाले और डंडे से चलाएं फिर दूसरे दिन तम्बाकू, मिर्च, लहसुन, सोठ, हल्दी डाले फिर डंडे से चलाकर जालीदार कपड़े से बंद कर दें और 40 दिन छाए में रखा रहने दे, परंतु सुबह शाम चलाएं।
अवधि प्रयोग :- इसको छः माह तक प्रयोग कर सकते हैं।
सावधानियां :-
1. इस दशपर्णी अर्क को छाये में रखें।
2. इसको सुबह शाम चलना न भूले।
छिड़काव :- 200 ली. पानी में 5 से 8 ली. दशपर्णी अर्क मिलाकर छिड़काव करें।