फसल बचाने के लिए ‘लाइट ट्रेप’
छत्तीसगढ़ में फसलों को कीड़ों से बचाने के लिए ‘प्रकाश प्रपंच’ यानी लाइट ट्रेप तकनीक का इस्तेमाल उपयोगी साबित हो रहा है.छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में किसान इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. कृषि वैज्ञानिकों ने इस तकनीक का उपयोग कर फसलों के लिए हानिकारक कीड़ों पर नियंत्रण के लिए सभी किसानों को इसका उपयोग करने की सलाह दी है. छत्तीसगढ़ के कृषि वैज्ञानिकों ने बदली और उमस भरे इस मौसम में फसलों की लगातार निगरानी करने की सलाह भी किसानों को दी है. उन्होंने कहा कि इस मौसम में कीट प्रकोप होने की आशंका रहती है. प्रकाश प्रपंच विधि से कीट के प्रकोप को प्रारंभिक अवस्था में ही नियंत्रित कर लिया जाए तो फसलों को नुकसान कम होता है.
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि फसलों में कीट प्रकोप होने पर खेतों में लाइट ट्रेप का उपयोग शाम सात बजे से रात नौ बजे तक करना चाहिए. लाइट ट्रेप में सौ या दो सौ वाट का बल्ब लगा रहता है. बल्ब की रोशनी से फसलों को हानि पहुचाने वाले कीड़े आकर्षित होकर आते हैं. लाइट ट्रेप में नीचे की ओर एक डब्बा लगा रहता है. इस डब्बे के नीचे कपड़ा बंधा होता है. कीड़े गिर-गिर कर इसी कपड़े में इकट्ठा होकर नष्ट हो जाते हैं.
उन्होंने बताया कि लाइप ट्रेप उपकरण बिजली से चलता है. आजकल सोलर लाइट ट्रेप उपकरण भी आ गया है. अधिकारियों ने बताया कि लाइट ट्रेप जिला मुख्यालयों में कृषि विभाग के उप संचालकों द्वारा किसानों को उपलब्ध कराया जाता है. इसमें प्रदेश सरकार की ओर से अनुदान भी मिलता है.
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