सिंचाई प्रणाली - ड्रिप सिंचाई

ड्रिप सिंचाई प्रणाली सिंचाई की लाभकारी प्रणाली

ड्रिप सिंचाई प्रणाली फसल को मुख्यश पंक्ति, उप पंक्ति तथा पार्श्व पंक्ति के तंत्र के उनकी लंबाईयों के अंतराल के साथ उत्सर्जन बिन्दु का उपयोग करके पानी वितरित करती है। प्रत्येक ड्रिपर/उत्सार्जक, मुहाना संयत, पानी व पोषक तत्वों तथा अन्यक वृद्धि के लिये आवश्यहक पद्धार्थों की विधिपूर्वक नियंत्रित कर एक समान निर्धारित मात्रा, सीधे पौधे की जड़ों में आपूर्ति करता है।

Drip Irrigation, Saving water, Agriculture

टपक (ड्रिप) सिंचाई प्रणाली

ड्रिप प्रणाली सिंचाई की उन्नत विधि है, जिसके प्रयोग से सिंचाई जल की पर्याप्त बचत की जा सकती है। यह विधि मृदा के प्रकार, खेत के ढाल, जल के स्त्रोत और किसान की दक्षता के अनुसार अधिकतर फसलों के लिए अपनाई जा सकती हैं। ड्रिप विधि की सिंचाई दक्षता लगभग 80-90 प्रतिशत होती है। फसलों की पैदावार बढ़ने के साथ-सथ इस विधि से उपज की उच्च गुणवत्ता, रसायन एवं उर्वरकों का दक्ष उपयोग, जल के विक्षालन एवं अप्रवाह में कमी, खरपतवारों में कमी और जल की बचत सुनिश्चित की जा सकती है।

टपक सिंचाई

टपक सिंचाई या 'ड्रिप इर्रिगेशन' (Drip irrigation या trickle irrigation या micro irrigation या localized irrigation), सिंचाई की एक विशेष विधि है जिसमें पानी और खाद की बचत होती है। इस विधि में पानी को पौधों की जड़ों पर बूँद-बूंद करके टपकाया जाता है। इस कार्य के लिए वाल्व, पाइप, नलियों तथा एमिटर का नेटवर्क लगाना पड़ता है। इसे 'टपक सिंचाई' या 'बूँद-बूँद सिंचाई' भी कहते हैं।