जैव उर्वरक
ये टीके अपनाये, फसलों का उत्पादन बढ़ाएं
Submitted by Ashok Kumar on 15 October 2016 - 11:16amनील हरित शैवाल जनित जैव उर्वरक
Submitted by Ashok Kumar on 17 September 2016 - 3:27pmहरित क्रान्ति के उपरान्त करीब विगत चार दशकों से अधिक अन्न उपजाने के लिए अन्धा-धुंध कृषि रसायनों तथा रासायनिक खादों के प्रयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति दिन प्रतिदिन घटती जा रही है तथा मृदा प्रदुषण बढ़ता चला जा रहा है और भूमि के स्वास्थ को अच्छा रखने वाले सुक्ष्म जीवों की संख्या घटती जा रही है। अतएव अब धान की पैदावार प्रति हे.
नाइट्रोजनी जैविक खाद
Submitted by Ashok Kumar on 23 June 2016 - 11:27amनाइट्रोजनी जैविक खाद वे जैविक खाद होती है जो मृदा में नाइट्रोजन की मात्रा को बढ़ाती है। प्रकृति में कई ऐसे जीवाणु और नील हरित शैवाल हैं जो वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का यौगिकीकरण करते हैं। राइजोबियम (Rhizobium), एज़ोटोबैक्टर (Azotobacter), बेजरिंकिया (Beijrinkia), क्लॉस्ट्रिडियम (Clostridium), रोडोस्पाइरिलम (Rhodospirillum), हर्बास्पाइरिलम (Herbaspirillum) और एज़ोस्पाइरिलम (Azospirillum) नाइट्रोजन यौगिकीकरण करने वाले कुछ महत्वपूर्ण जीवाणु हैं।राइज़ोबियम जीवाणु दलहनी वनस्पतियों की जड़ों में सहजीवी रूप में रहकर वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का यौगिकीकरण करते हैं।