फिरेमोन ट्रैप

फेरोमोन ट्रैप: चना फली भेदक के प्रकोप के पूर्वज्ञान की विधि

चना फली भेदक चना की फसल को सर्वाधिक क्षति पहुँचाने वाला कीट है। यह चना की फसल में अक्टूबर ऐ मार्च तक पाया जाता है। अक्टूबर से दिसम्बर के महीनो में चना फली भेदक की सुंडी चना की पत्तियों को खाकर नुकसान पहुंचाती है। फरवरी से मार्च के महीनों में यह सुंडी चना की फलियों के दानो को खाकर फसल को क्षति पहुँचाती है। प्राय: किसान चना फलीभेदक का प्रकोप उस समय समझ पाते है जब सुंडी बड़ी होकर चना की फसल को 5-7 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा चुकी होती है। इसके फलस्वरूप इस अवस्था में चना फली भेदक की सुंडी को नियंत्रण कर पाना काफी कठिन एवं महंगा होता है जिससे किसानो को आर्थिक क्षति होती है।

Pheromon Trap

यांत्रिक तरीको से करे नाशीजीवो का समन्वित प्रबंधन

1.फेरोमोन ट्रैप

बार बार रासायनिक कीटनाशको के प्रयोग के उपरांत भी कपास,मूंगफली,धान,दलहनी फसलो,तम्बाकु,सब्जियों,एवं फल वाले पौधे के बिभिन्न कीटो  का सफलतापूर्वक नियंत्रण नहीं हो पा रहा है| आधुनिक पद्धति यह है कि किसी नाशीजीव का नियंत्रण करने के लिए कम से कम रासायनिक छिडकाव , जैविक नियंत्रण के साधनों जैसे फेरोमोन ट्रैप (गंधपांस) आदि का समेकित उपयोग किया जाय ,जिसे एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन कहते है| इस पद्धति में गंधपांश एवं गंध (लूर) का कीट की स्थिति का आकलन करने एवं नर पतिंगो को पकड़ कर नष्ट करने में अपना उल्लेखनीय योगदान है|

फेरोमोन ट्रैप से पकड़ें फसलों के कीट

फेरोमोन ट्रैप को गंधपाश भी कहते हैं। इस तरीके में प्लास्टिक के एक डिब्बे में ल्योर लगाकर टांग देते हैं। ल्योर में फेरोमोन द्रव्य की गंध होती है जो आस-पास मौजूद नर कीटों को डिब्बे की ओर आकर्षित करती है। ये डिब्बे फंदे की तरह बने होते हैं जिसमें कीट अंदर जाने के बाद बाहर नहीं आ पाते हैं।

Pheromone Trap