घन जीवामृत

Ghan Jeevamrit

घन जीवामृत, जीवाणुयुक्त सूखी खाद है जिसे बुवाई के समय या पानी के तीन दिन बाद भी दे सकते हैं। बनाने की विधि इस प्रकार है - गोबर 100 किलो, गुड़ 1 किलो, आटा दलहन 1 किलो, मिट्टी जीवाणुयुक्त 100 ग्राम उपर्युक्त सामग्री में इतना गौमूत्र (लगभग 5 ली0) मिलायें जिससे हलवा/पेस्ट जैसा बन जाये, इसे 48 घंटे छाया में बोरी से ढ़ककर रखें। इसके बाद छाया में ही फैलाकर सुखा लें फिर बारीक करके बोरी में भरें। इसका 6 माह तक प्रयोग कर सकते हैं। एक एकड़ खेत में 1 कुन्तल तैयार घन जीवामृत देना चाहिए।

घन जीवामृत (एक एकड़ खेत के लिए)
सामग्री :-
1. 100 किलोग्राम गाय का गोबर
2. 1 किलोग्राम गुड/फलों का गुदा की चटनी
3. 2 किलोग्राम बेसन (चना, उड़द, अरहर, मूंग)
4. 50 ग्राम मेड़ या जंगल की मिट्टी 
5. 1 लीटर गौमूत्र
बनाने की विधि :- 
सर्वप्रथम 100 किलोग्राम गाय के गोबर को किसी पक्के फर्श व पोलीथीन पर फैलाएं फिर इसके बाद 1 किलोग्राम गुड या फलों गुदों की चटनी व 1 किलोग्राम बेसन को डाले इसके बाद 50 मेड़ या जंगल की मिट्टी डालकर तथा 1 लीटर गौमूत्र सभी सामग्री को फॉवड़ा से मिलाएं फिर 48 घंटे छायादार स्थान पर एकत्र कर या थापीया बनाकर जूट के बोरे से ढक दें। 48 घंटे बाद उसको छाए पर सुखाकर चूर्ण बनाकर भंडारण करें।
अवधि प्रयोग :- इस घन जीवामृत का प्रयोग छः माह तक कर सकते हैं।
सावधानियां :-
सात दिन का छाए में रखा हुआ गोबर का प्रयोग करें।
गोमूत्र किसी धातु के बर्तन में न ले या रखें।
छिड़काव :- एक बार खेत जुताई के बाद घन जीवामृत का छिड़काव कर खेत तैयार करें।

 

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जैविक खाद: