कीट के प्रकार

कृषि में कीटों को दो भागों में वर्गीकृत किया गया है|

१- मित्र कीट २-शत्रु कीट 

मित्र कीट अधिकांशतः मांसाहारी होते हैं, ये परजीवी कीट होते हैं जो किसी दुसरे कीट पर आश्रित रहते हैं. ये हमारे शत्रु कीटों को को नष्ट करने में सहायक होते हैं. इन्हें हम मित्र कीट कहते हैं|

शत्रु कीट वो होते हैं जो अधिकांशतः शाकाहारी होते हैं, ये कीट हमारी फसलों पर आश्रित होते हैं तथा ये फसल के विभिन्न भागों को अपना भोजन बनाते हैं और हमारी फसलों को भारी नुकसान भी पहुंचाते हैं.

 

मिट्टी का नमूना कैसे लें?

मिट्टी का नमूना कैसे लें?

मिट्टी जाँच हेतु नमूना सही ढंग से लें क्योंकि थोड़ी से भी असावधानी से मिट्टी की सिफारिश का पूर्ण लाभ नहीं हो सकता है|

मृदा के प्रकार

सर्वप्रथम १८७९ ई० में डोक शैव ने मिट्टी का वर्गीकरण किया और मिट्टी को सामान्य और असामान्य मिट्टी में विभाजित किया। भारत की मिट्टियाँ स्थूल रूप से पाँच वर्गो में विभाजित की गई है:

  1. जलोढ़ मिट्टी या कछार मिट्टी (Alluvial soil),
  2. काली मिट्टी या रेगुर मिट्टी (Black soil),
  3. लाल मिट्टी (Red soil),
  4. लैटराइट मिट्टी (Laterite) तथा
  5. मरु मिट्टी (desert soil)।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने भारत की मिट्टी को आठ समूहों में बांटा है:

(1) जलोढ़ मिट्टी

(2) काली मिट्टी

(3) लाल एवं पीली मिट्टी

(4) लैटराइट मिट्टी

जैविक खेती की मुख्य आवश्यकता "केंचुआ खाद"

आज देश में जैविक खेती की आवश्यकता है, पिछले अंक में इस कम्पोस्ट खाद बनाने के आधार बताये गए थे, इस अंक में आगे चलते हैं, सबसे पहले ये जानना जरूरी है की केंचुआ खाद में कौन-कौन से तत्व पाए जाते हैं, तो लीजिये ......
नाइट्रोजन-- १.२५ से २.५ %
फास्फोरस -- ०.७५ से १.६%
पोटाश ---- ०.५ से १.१ %
कैल्सियम-- ३.० से ४.०%
मैग्निसियम- ३.० से ४.०
सल्फर - १३ पी.पी.एम्
लोहा -४५ से ५० पी.पी.एम्
जस्ता -२५ से ५० पी.पी.एम्
ताम्बा -०४ से ०५ पी.पी.एम्
मैग्नीज -६० से ७० पी.पी.एम्
पी.एच. -७ से ७.८०
कार्बन -१२:१

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