पोषक तत्वों की कमी के लक्षण

Micronutrient

नाइट्रोजन

1.  पौधों की बढवार रूक जाती है तथा तना छोट एवं पतला हो जाता है।

2. पत्तियां नोक की तरफ से पीली पड़ने लगती है। यह प्रभाव पहले पुरानी पत्तियों पर पड़ता है, नई पत्तियाँ बाद में पीली पड़ती है।

3. पौधों में टिलरिंग कम होती है।

4. फूल कम या बिल्कुल नही लगते है।

5. फूल और फल गिरना प्रारम्भ कर देते है।

6. दाने कम बनते है।

7. आलू का विकास घट जाता है।

फास्फोरस

1. पौधों की वृद्धि कम हो जाती है।

2. जडों का विकास रूक जाता है।

जैविक खादों का मृदा उर्वरता और फसल उत्पादन में महत्व

Organic Fertilizer

जैविक खाद● जैविक खादों के प्रयोग से मृदा का जैविक स्तर बढ़ता है, जिससे लाभकारी जीवाणुओं की संख्या बढ़ जाती है और मृदा काफी उपजाऊ बनी रहती है।
● जैविक खाद पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक खनिज पदार्थ प्रदान कराते हैं, जो मृदा में मौजूद सूक्ष्म जीवों के द्वारा पौधों को मिलते हैं जिससे पौधों स्वस्थ बनते हैं और उत्पादन बढ़ता है। 
● रासायनिक खादों के मुकाबले जैविक खाद सस्ते, टिकाऊ तथा बनाने में आसान होते हैं।
इनके प्रयोग से मृदा में ह्यूमस की बढ़ोतरी होती है व मृदा की भौतिक दशा में सुधार होता है।

घन जीवामृत

Ghan Jeevamrit

घन जीवामृत, जीवाणुयुक्त सूखी खाद है जिसे बुवाई के समय या पानी के तीन दिन बाद भी दे सकते हैं। बनाने की विधि इस प्रकार है - गोबर 100 किलो, गुड़ 1 किलो, आटा दलहन 1 किलो, मिट्टी जीवाणुयुक्त 100 ग्राम उपर्युक्त सामग्री में इतना गौमूत्र (लगभग 5 ली0) मिलायें जिससे हलवा/पेस्ट जैसा बन जाये, इसे 48 घंटे छाया में बोरी से ढ़ककर रखें। इसके बाद छाया में ही फैलाकर सुखा लें फिर बारीक करके बोरी में भरें। इसका 6 माह तक प्रयोग कर सकते हैं। एक एकड़ खेत में 1 कुन्तल तैयार घन जीवामृत देना चाहिए।

HaNPV

हैलियोथिस एम.पी.वी.

यह हरी सुंडी हैलियोथिस आर्मोजोरा एक हानिकारक रोग उत्पन्न करने वाला न्यूक्लियर पाॅलीहेडासिस विषाणु है, जो अति संक्रमणशील होता है। यह डी.एन.ए. से बना होता है-एन.वी.पी. कपास, चना, अरहर, मटर, सोयाबीन, मूंगफली, सूर्यमुखी, सब्जियों, टमाटर व अन्य महत्वपूर्ण फसलों में लगने वाले हैलियोथिस की संूडियों का अत्यन्त प्रभावशाली ढ़ंग से नियंत्रण करता है। यह रासायानिक दवाइयों के प्रति रियोथिस रोग प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न कर चुकी है। हैलियोथिस की सूंडियों का भी नाश करता है।

नियंत्रण विधि

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