गोबर गैस संयंत्र – ऊर्जा का खजाना, खाद का कारखाना

Biogas

प्राकर्तिक रूप से प्राणियों के मृत शरीर एवं वनस्पति विघटित होकर सेंद्रिय खाद के रूप में मिट्टी में मिल जाते है. विघटन की यह प्रक्रिया सूक्ष्म जीवाणुओं, बेक्टीरिया, फफूंद (फंगस) आदि के द्वारा की जाती है. इस विघटन की प्रक्रिया में गैस का निर्माण भी होता है. इस गैस को बायोगैस कहते है. यह विघटन वायु रहित एवं वायु सहित दोनों अवस्थाओं में होता है.

इल्ली ,रस चूसक कीड़े का नियंत्रण

इल्ली ,रस चूसक कीड़े को नियंत्रण करने के ( जैविक ओरगेनिक ) दवा बनाने तथा प्रयोग करने का तरीका

1. देशी गाय का मठा 5 लीटर लेकर उसमे २- 3 किलो नीम की पत्ती या 40-50 किलो नीम की खली या 2 किलो माइक्रो नीम ओरगेनिक खाद एक बड़े मटके में भरकर १० -१५ दिन तक सडाएं , सड़ने के बाद उस मिश्रण में से 5 लीटर मात्रा को 150 -200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति सप्ताह छिडकाव करें . इससे इल्ली , रस चूसक कीड़े नियंत्रित होंगे .

2. 500 ग्राम लहसुन , 500 ग्राम तीखी चटपटी हरी मिर्च लेकर बारीक पीसकर 150-200 लीटर पानी में घोलकर फसलों पर छिडकाव करें . इससे इल्ली , रस चूसक कीड़े नियंत्रित होंगे .

Caterpillar

कैसे बिकता है प्रतिबंधित कीटनाशक?

Pesticides

आपसे बेहतर इस तथ्य को कौन समझ सकता है कि खेती के मामले में जहर पर हमारी निर्भरता कितनी बढ़ चुकि है। फसल उगाने से पहले खेत में जहर डालना शुरू करते हैं तो भण्डारण तक नहीं रूकते। बात यहीं खत्म हो जाती तो गनीमत था, अब तो फल-सब्जियों को पकाने और देर तक ताजा रखने के लिए भी जहर का इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है। एक आश्चर्यजनक सच्चाई यह भी है कि दुनिया भर में प्रतिबंधित कीटनाशकों को भारत में खुलेआम बेचा और प्रयोग किया जा रहा है। फल-सब्जियों पर इनके प्रयोग से न केवल कैंसर जैसी जान लेवा बीमारियों को सीधे न्योता दिया जा रहा है, बल्कि अल्सर, चर्म रोग, हृदय रोग, रक्तचाप जैसी बीमारी भी तेजी से फैल रही हैं

दीमक प्रबंधन के उपाय

किसान फसलें उगाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं लेकिन तमाम तरह के कीट , फसलों को चट कर जाते हैं। वैज्ञानिक विधि अपनाकर कीटनाशकों के बिना ही इनका नियंत्रण किया जा सकता है। इससे कीटनाशकों पर उनका खर्चघटेगा। खेत की मिट्टी से ज्यादा पैदावार पाने के लिए किसानों को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। फसलें उगाने में उन्हें काफी पैसे भी खर्च करना पड़ता है। लेकिन मिटट्ी में पनपने वाले कीड़े-मकोड़े जैसे दीमक आदि फसलों को चट कर जाते हैं। इन कीटों से फसलों को सुरक्षित रखने के लिए भी कीटनाशकों पर किसानों को काफी खर्च करना पड़ता है। फसलें और कीट नियंत्रण के लिए वैज्ञनिक विधि अपनाकर किसान कीट नियंत्रण ज्यादा प्रभावी

 TERMITE

Pages