तेन्दुआ आयरन प्लाऊ

Agricultural Equipment

• अनुमोदित दर 1680/- (बीम सहित) 
• यह देशी हल का उन्न्त स्वरूप है। इसके सभी भाग लोहे के बने होते हैं, जिससे लकड़ी की बचत होती है। 
• यंत्र के उपयोग के लिये एक जोड़ी बैल की आवश्यकता होती है। 
• छोटे बैल भी आसानी से खींच सकते हैं क्योंकि देशी हल की तुलना में यह हल्का हैं। 
• इस यंत्र की कार्यक्षमता लगभग आधा एकड़ प्रतिदिन हैं 
• गॉंव के लोहार द्वारा सुधारा जा सकता है एवं शेयर घिसने पर बदला जा सकता है।

जैविक बनाम रासायनिक खेती

Organic vs InOrganic

आमतौर पर यह माना जाता है कि ज्यादा मात्रा में रासायनिक खाद एवं कीटनाशक इस्तेमाल करने से उत्पादन बढ़ाया जा सकता है और उत्पादन बढ़ने से किसान का मुनाफा बढ़ सकता है। सरकार भी किसानों को वैज्ञानिक ढंग से खेती करने की सलाह देती है, लेकिन इस वैज्ञानिक विधि का अर्थ सिर्फ और सिर्फ रासायनिक खाद और कीटनाशकों के इस्तेमाल तक ही सीमित होता है। नतीजतन आए दिन हम विदर्भ, आंध्र प्रदेश, गुजरात, पंजाब एवं उत्तर प्रदेश के किसानों द्वारा आत्महत्या करने की खबरें सुनते रहते हैं। इसके अलावा रासायनिक खाद और कीटनाशकों के इस्तेमाल से अनाज, सब्जियां, दूध और पानी, जो इंसान के जीवन का प्रमुख आधार हैं, जहरीले बनते जा रहे

आज हम सब क्या खा रहे है सब्जी या जहर

Poison in Food

लौकी, खीरा, कद्दू, तरबूज स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है यदि कडवी हो तो इसका सेवन जानलेवा साबित हो सकता है वनस्पति शास्त्र में यह कुकुरबिटेसी खानदान में आती है कुकुरबिटेसी खानदान के फल काम्प्लेक्स यौगिक बनाते है इस घटना से हमे यह समझना चाहिए की कुछ भी वनस्पति पेड़ पौधे से जुडा हानिकारक नहीं हो सकता सबसे ज्यादा कुकुरबिटेसी खानदान की सब्जियां फल ज्यादा तापमान कम पानी मिटटी की कम उपजता के कारण अनेक रसायन बनाते है कडवे फल खाने से शरीर के सभी अंग काम करना बंद कर देते है गलत तरीके से सब्जियों के रख-रखाव से जहरीले रसायन बन जाते है जिससे लीवर में सूजन , पैनक्रियाज , गाल ब्लैडर , किडनी यह रक्त में घुल ज

एक गाय से तीस एकड़ की खेती : सुभाष पालेकर

Desi Gaay

देश के प्रख्यात शोध कृषक व शून्य लागत खेती के जनक सुभाष पालेकर ने कहा कि जैविक व रसायनिक खेती प्राकृतिक संसाधनों के लिए खतरा है। इनसे अधिक लागत पर जहरीला अनाज पैदा होता है। जिसे खाकर मानव बीमार और धरती बंजर हो रही है। जीव, जमीन, पानी और पर्यावरण को बचाने तथा सुस्वास्थ्य के लिए एक मात्र उपाय है कि शून्य लागत प्राकृतिक खेती। इसके लिए तीस एकड़ पर सिर्फ एक गाय पालने की जरूरत है। एक गाय से ही शून्य लागत पर प्राकृतिक खेती करके प्रत्येक किसान हजारों की बचत के साथ देश व समाज की भलाई भी कर सकता है।

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